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Two-Wheelers Running On Petrol Should Be Taxed, Demands EV Makers | The Shivalik
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Two-Wheelers running on Petrol Should be Taxed, Demands EV Makers

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पिछले कुछ वर्षों में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री तेजी से बढ़ी है। हालांकि, केंद्र सरकार ने FAME II सब्सिडी में कटौती करने से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की डिमांड में कमी होने की आशंका है। EV बनाने वाली कंपनियों ने नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) से फ्यूल से चलने वाले टू-व्हीलर्स पर ‘ग्रीन टैक्स’ लगाने की मांग की है। इसके साथ ही इन कंपनियों ने सब्सिडी में कमी को लेकर आशंका भी जताई है। 

सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने अपनी याचिका में कहा है कि मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्रीज की ओर से सब्सिडी में कमी किए जाने से EV सेक्टर की ग्रोथ में रुकावट आने के साथ ही एनवायरमेंट पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है। मिनिस्ट्री ने FAME II को 75 प्रतिशत घटा दिया है। इससे इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के प्राइसेज बढ़ गए हैं। SMEV ने बताया कि उसने NGT से फ्यूल बेस्ड टू-व्हीलर्स पर ग्रीन टैक्स लगाने का निवेदन किया है। इससे एनवायरमेंटल के अनुकूल व्हीकल्स की बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी और पॉल्यूशन को घटाया जा सकेगा। 

इस बारे में SMEV की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “दुनिया भर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर सब्सिडी दी जाती है जिससे पॉल्यूशन नहीं फैलाने वाले व्हीकल्स को बढ़ाया जा सके। मिनिस्ट्री का फैसला इस उद्देश्य के विपरीत है।” मिनिस्ट्री के इस फैसले से बहुत से OEM को वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी रुक गई है। इसके अलावा सब्सिडी के पिछले भुगतान को भी वापस करने की मांग हो रही है। SMEV का कहना है कि सब्सिडी में कटौती से इस सेगमेंट से जुड़ी कंपनियों के लिए कारोबार करना बहुत मुश्किल हो गया है। 

देश में पिछले फाइनेंशियल ईयर में 7,79,000 हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री हुई थी, जिनके लिए FAME 2 सब्सिडी दी गई थी। इस वर्ष के इकोनॉमिक सर्वे में बताया गया था कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का मार्केट 2030 तक बढ़कर एक करोड़ यूनिट्स सालाना का हो सकता है। इससे लगभग पांच करोड़ डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स मिलने की संभावना है। पिछले वर्ष दिसंबर में सेल्स के लिहाज से जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया में भारत तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया था। 
 

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