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Vedanta-Foxconn Semiconductor Venture Could Suffer Big Jolt, Government Is Not Ready For Funding | The Shivalik
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Vedanta-Foxconn Semiconductor Venture could suffer Big Jolt, Government is not Ready for Funding

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केंद्र सरकार ने Vedanta और ताइवान की Foxconn के ज्वाइंट वेंचर वाले सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए फंड नहीं देने का लगभग फैसला कर लिया है। इससे देश में सिलिकॉन वैली बनाने की बिलिनेयर Anil Agarwal की महत्वाकांक्षा को झटका लगेगा। इस बारे में जल्द ही वेदांता और फॉक्सकॉन को सरकार की ओर से सूचना दी जा सकती है। 

Bloomberg की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस ज्वाइंट वेंचर को 28 नैनोमीटर के चिप्स बनाने के लिए इंसेंटिव नहीं मिलेंगे। सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए सरकार से बड़ी फंडिंग हासिल करने के लिए इस ज्वाइंट वेंचर की ओर से दिया गया आवेदन सरकार की ओर से तय मापदंड को पूरा नहीं करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट के लिए टेक्नोलॉजी पार्टनर की तलाश की जा रही है। इस बारे में Reuters की ओर से टिप्पणी के लिए भेजे गए निवेदन को टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री, वेदांता और फॉक्सकॉन ने उत्तर नहीं दिया। मेटल्स और माइनिंग से जुड़ी अनिल अग्रवाल की वेदांता पर कर्ज का भारी बोझ है। 

पिछले वर्ष सितंबर में वेदांता और फॉक्सकॉन ने गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले यूनिट का प्लांट लगाने के लिए 19.5 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने की घोषणा की थी। इन दोनों कंपनियों ने गुजरात सरकार के साथ राज्य में प्लांट लगाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह देश का पहला सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट होगा। इस प्रोजेक्ट से लगभग एक लाख रोजगार के अवसर बनने की संभावना है। 

सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्रिकेशन इंडस्ट्रीज के लिए अलग पॉलिसी बनाने वाला गुजरात पहला राज्य है। इस पॉलिसी के तहत पात्र प्रोजेक्ट्स को मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए खरीदने जाने वाली शुरुआती 200 एकड़ जमीन पर 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn को सेमीकंडक्टर्स सेगमेंट में काफी संभावना दिख रही है। सेमीकंडक्टर्स की कमी के कारण कई ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। इससे इन कंपनियों के प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है। बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल टाटा मोटर्स  और मारुति सुजुकी ने भी सेमीकंडक्टर्स की कमी के कारण अपने कुछ मॉडल्स के प्रोडक्शन में कमी की है। इससे कस्टमर्स के लिए इंतजार भी बढ़ गया है। सेमीकंडक्टर्स बनाने वाली अधिकतर कंपनियां एशिया में हैं। 

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